पशुपालन मानव सभ्यता के विकास में बहुत ही महत्वपर्ण रहा है | कृषि से पूर्व मानव की जीविका का प्रमुख साधन पशुपालन था | बाद में मानव सभ्यता में स्थाई खेती के साथ पशुपालन भी स्थाई हो गई | पशुपालन में बकरा पालन आज किसानो के मध्य लोकप्रिय एवं लाभदायक है | बकरा पालन का मुख्य उद्देश्य मांस एवं दूध के लिए किया जाता है | स्थान एवं जलवायु के अनुसार उचित नस्ल एवं आहार की व्यवस्था करनी चाहिए | पुरे भारत में एक सामान जलवायु ना होने के कारण आवास,नस्ल एवं आहार का चयन उसी आधार पर किया जाना चाहिए जैसे गर्म जलवायु वाले क्षेत्र में आवास हवादार एवं ठन्डे प्रदेश में आवास बंद एवं गर्म होना चाहिए | इस लेख में बकरा पालन से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्यों पर विस्तार से चर्चा किया किया गया है |
जमुनापारी नस्ल ले बकरे आकर में बड़े होते है तथा इस प्रजाति का उद्गम उत्तर पदेश के इटावा के आस पास का क्षेत्र माना जाता है | जमुनापारी नस्ल के बकरे मुख्यतः ठन्डे क्षेत्रों के लिए उपयुक्त माने जाते है ठन्डे क्षेत्र में इनका बढ़वार अच्छा देखा गया है | उत्तर भारत के किसान इस नस्ल का चयन कर सकते है |
जमुनापारी नस्ल की पहचान एवं विशेषता निम्नलिखित है –
बर्बरी नस्ल के बकरे मूल रूप से गर्म क्षेत्र के नेसल है तथा यह नेसल सोमालिया,अफ्रीका आदि जैसे गर्म जलवायु वाले क्षेत्रो के लिए उपयुक्त होते है | इस नेसल में अधिक गर्मी बर्दाश्त करनी की विशेष छमता होती है | इस नस्ल के बकरो का पालन गुजरात , राजस्थान जैसे गर्म क्षत्रो में किया जा सकता है | इस नस्ल की यह खासियत है की यह कम पोषक तत्व वाले पौधों को खा कर अच्छा वजन बढ़ा सकते है |
नस्ल की पहचान एवं विशेषता –
बीटल नस्ल के बकरे मुख्यतः भारत के पंजाब के क्षेत्र में पाए जाते है यह नस्ल आकर में छोटे होते है | बीटल नस्ल ठन्डे एवं गर्म क्षेत्र में पालन के लिए उपुक्त होते है | पंजाब की जलवायु ना तो अधिक गर्म है और ना ही अधिक ठंडी |यह नस्ल भारत के सभी क्षेत्रो के लिए उपुक्त है |
इस की विशेषता एवं पहचान –
सिरोही नस्ल के बकरे मुख्य रूप से राजस्थान के सिरोही जिले में पाए जाते है | सिहोरी नस्ल मुख्यतः राजस्थान एवं गुजरात के सीमावर्ती क्षेत्रो में पाया जाता है सिहोरी नस्ल गर्म जलवायु के प्रति अनुकूल होते है |
सिहोरी नस्ल के बकरे की पहचान एवं विशेषता –
और पढ़े मछली पालन (fish farming)
बकरा पालन के आवास के महत्वपूर्ण है | आवास पक्का तथा वायु संचार की उचित वयवस्था होनी चाहिए | आवास में बकरो के आराम करने की ऊपर में वयस्था करे बकरो को ऊपर बैठने की आदत होती है | बकरे का आवास स्थल वातानुकूलित होना चाहिए |
आवास निर्माण के समय इन बातो का विशेष ध्यान रखे –
Goat Farming Yojana के बारे में जाने
न्यूमोनिया
यह रोग जीवाणु एवं मइक्रोप्लाज़्मा के कारण होता है |
यह एक संक्रामक रोग है |
इस रोग से ग्रस्त बकरियों में तेज बुखार हो जाता है |
आँख एवं नाक से पानी निकलता है |
इस रोग का मुख्य प्रभाव श्वसन तंत्र पर पड़ता है जिससे साँस लेने में दिकत होती है |
कारण –
अचानक मौसम में बदलाव , ठण्ड में वृद्धि से इस रोग के होने की संभावना बढ़ जाती है |
इस रोग से साँस की नाली में संक्रमण फ़ैल जाता है |
ड्रैगन फ्रूट की खेती ड्रैगन फ्रूट की खेती से करे लाखो का मुनाफा एक बार… Read More
फसल में बढ़वार के लिए पोषक तत्व की पूर्ति अति महत्वपूर्ण है इसमें यूरिया एक… Read More
कार्बनिक पदार्थ जैसे पशुओ के अपशिष्ट पदार्थ,फसल से बचा पराली आदि को केंचुए के माध्यम… Read More
विश्व में गेहूं पोषण के प्रमुख श्रोत है | भारत में गेहूं की खेती नवपाषाण… Read More
मानव सभ्यता के विकास में कृषि का योगदान महत्वपूर्ण रहा है | कृषि में गोबर… Read More