सब्ज़ियों का राजा आलू भारतीय सब्ज़ियों में प्रमुख अवयव है | कार्बोहैड्रेट से भरपूर आलू हर दूसरे भारतीय सब्ज़ियों में उपयोग किया जाता है | आलू सोलेनेसी कुल से सम्बंधित है | आलू की उत्पत्ति पेरू (द. अमेरिका) से हुई है | आलू एक प्रमुख नकदी फसल है | भारत में क्षेत्रफल एवं उत्पादन में उत्तर प्रदेश अग्रणी राज्य है | आलू का खाने योग्य भाग कंद जो रूपांतरित तना है | भारतीय सब्जियों एवं अन्य व्यंजनों में उपयोगिता के कारण वर्ष भर आलू की मांग बनी रहती है | प्रति यूनिट क्षेत्र से अधिक बाजार मूल्य प्राप्त किया जाता है | इस ब्लॉग में आलू की खेती से जुडी सभी जानकारी देने का मेरे द्वारा प्रयास किया गया है|
आलू की खेती
आलू की प्रमुख किस्मे
आलू की प्रमुख किस्मे (इन किस्मो से आलू का उत्पादन लगभग 160 कुंटल/एकड़ होता है )
हैरो के माध्यम से खेत की 2से 3 बार गहरी जोताई करे |
तत्पश्च्यात रोटावेटर से एक बार जोताई करे |
5 ट्राली अच्छे से सड़ी हुई गोबर की खाद और बेसल डोज़ डाल कर रोटावेटर के माध्यम से अच्छे से फैला दे |
बेसल डोज़
उर्वरक
मात्रा
DAP
100kg/एकड़
MOP
100kg/एकड़
Sulphur
8 -10/एकड़
Boron
3kg/एकड़
बेसल डोज़
तापमान
आलू के अच्छे उत्पादन के लिए दिन का तापमान 25 से 30 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए |
तथा रात का तापमान 14 डिग्री सेल्सियस से कम नहीं होना चाहिए |
पौध के अच्छे बढ़वार के लिए उपयुक्त तापमान 18 से 20 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए |
आलू लगाने का सही समय
आलू रबी की फसल है इसका सही समय ऑक्टूबर से नवम्बर के मध्य रहता है |
बीजोपचार
आलू का बीजोपचार करने के लिए एक बड़े बर्तन में 20 लीटर पानी में 50ml xelora fahgicide का घोल तैयार करे |
इस घोल में आलू को 5 मिनट तक रखे तत्पश्च्यात आलू को छाव वाले स्थान के सूखा दे |
बीजोपचार के लाभ
फफूंदजनित रोग लगने की आशंका कम हो जाती है |
अधिक से अधिक आलू के पौध जीवित रहते है |
आलू के बीज से पौध जल्द निकलता है |
आलू का रोपण
आलू के बीज के रोपण पूर्व ध्यान दे की आलू में पूर्ण अंकुरण हो |
आलू के बीज का आकार यदि अधिक हो तो उन्हें आधा कर बीजोपचार करे |
आलू में पौध से पौध की दुरी 20cm रखे |
आलू के क़तर से क़तर की दुरी 40cm रखे |
आलू के बीज को 8 से 10cm की गहराई में डाले |
आलू की खेती में बीज की मात्रा प्रति एकड़
आकार में बड़े आलू 40 ग्राम के लगभग की मात्रा प्रति एकड़ 20 से 25 क्विंटल बीज की आवश्यकता होती है |
40 ग्राम से काम वजन के आलू के बीज एक एकड़ में लगभग 65500 गिनती में |
यदि आलू का वजन 25 ग्राम के आस-पास है तो 12 से 13 क्विंटल मात्रा (लगभग 100000 गिनती में )प्रति एकड़ में लगती है |
सिचाई
यदि आलू की प्रजाति 100- दिनों से अधिक की है –
सिचाई
पहली सिचाई
15 से 20 दिनों में
दूसरी सिचाई
40 से 50 दिनों में
तीसरी सिचाई
60 से 70 दिनों में
आलूमेंसिचाई
90 दिनों की प्रजाति में तीसरी सिचाई के आवश्यकता नहीं होती है |
खाद प्रबंधन
पहली सिचाई के समय 30kg यूरिया 50kg DAP नाली में डाल कर सिचाई करे |
30kg यूरिया 50kg DAP नाली में डाले और दूसरी सिचाई करे |
उर्वरक की तीसरी डोज़ 60 दिन की अवस्था में NPK0050 3gm प्रति लीटर तथा सागरिका 2ml प्रति लीटर का स्प्रे करे |
आलू में लगने वाले रोग एवं कीट
अगेती झुलसा(early blight) एवं पछेती झुलसा(late blight)
यह आलू का प्रमुख रोग है | इस रोग में आलू के पौध झुलस जाते है | उपचार – कॉपर आक्सीक्लोराइट 0.3 का छिड़काव करे या स्टेप्टोसाइक्लीन 0.1g-/लीटर का शुरुवाती अवस्था में छिड़काव करे |
आलू के प्रमुख कीट
पोटेटो ट्यूबर मोथ
इस कीट का प्रकोप खेत एवं भण्डारण दोनों जगह होता है |