कार्बनिक पदार्थ जैसे पशुओ के अपशिष्ट पदार्थ,फसल से बचा पराली आदि को केंचुए के माध्यम से अपघटित कर खाद बनाया जाता है उसे वर्मी कम्पोस्ट कहा जाता है | कृषि में उत्पादन के साथ मृदा की उर्वरता को बनाये रखने के किये वर्मी कम्पोस्ट महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है | इसे मिट्टी में जैव रासयनिक गतिविधि में वृद्धि होती है | केंचुए कार्बनिक पदार्थ को खा कर मल त्याग करते है यह वर्मी कम्पोस्ट कहलाता है | वर्मी कम्पोस्ट के प्रयोग से मिट्टी में वायु संचार में वृद्धि होती है और पौधे को आवश्यक पोषक तत्व जैसे नाइट्रोजन,फास्फोरस,पोटाश आदि तत्व की पूर्ति होती है | इस लेख से हम सीखेंगे केंचुए की खाद कैसे बनाये ,उनकी प्रजातियां ,उसमे उपास्थि पोषक तत्व की मात्रा ,लाभ एवं प्रयोग विधि |
विश्व में केंचुए की विभिन्न प्रजातियां है पायी जाती है उनमे तीन प्रजातियां प्रमुख है
गोबर की खाद कैसे बनाये
केंचुए की खाद बनने के लिए स्थान के चयन के लिए ध्यान रखे की सूर्य की सीधी प्रकाश न पहुंचे |
बेड की गहराई तीन फ़ीट , चौड़ाई चार फ़ीट रखे तथा लम्बाई 40 से 50 फ़ीट रखे |
वर्मी कम्पोस्ट बनाने की लिए तापमान 25 से 30 °C रखे |
गोबर एवं कार्बनिक पदार्थ जैसे पत्ती,पराली आदि से बेड बनाये |
वर्मी कास्ट में 2.5 kg केंचुए होना चाहिए |
खाद बनने में लगभग दो माह का समय लगता है |
ड्रैगन फ्रूट की खेती ड्रैगन फ्रूट की खेती से करे लाखो का मुनाफा एक बार… Read More
फसल में बढ़वार के लिए पोषक तत्व की पूर्ति अति महत्वपूर्ण है इसमें यूरिया एक… Read More
विश्व में गेहूं पोषण के प्रमुख श्रोत है | भारत में गेहूं की खेती नवपाषाण… Read More
मानव सभ्यता के विकास में कृषि का योगदान महत्वपूर्ण रहा है | कृषि में गोबर… Read More