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ड्रैगन फ्रूट की खेती

ड्रैगन फ्रूट की खेती

ड्रैगन फ्रूट की खेती से करे लाखो का मुनाफा एक बार की लागत सालो तक लाभ ही लाभ इस पोस्ट से हम ड्रैगन फ्रूट की खेती कैसे करे इसकी जानकारी है |ड्रैगन फ्रूट हिलोकेरस केक्टेसिया परिवार से संबंधित है । दूसरे फलों की अपेक्षा इस फल में पोषक तत्व की मात्रा अधिक पाई जाती है। यह एक मरुस्थली पौधा है। कामसूत्र सिंचाई सुविधाओं के साथ भी इसकी खेती की जा सकती है और अधिक उत्पादन लिया जा सकता है। मध्य एशिया एवं मेक्सिको के प्रमुख उत्पादक देश हैं। ड्रैगन फ्रूट में मौजूद औषधीय गुण के कारण इसे बहुत पसंद किया जाता है। इसमें खून बढ़ाने मोटापा दूर करने के साथ-साथ फाइबर तथा विटामिन की काफी अच्छी मात्रा पाई जाती है हृदय रोग से बचाव के लिए भी यहां फल उपयोगी है।

इस लेख के माध्यम से हम ड्रैगन फ्रूट की खेती से संबंधित जानकारी पर नजर डालेंगे

ड्रैगन फ्रूट की तीन वैरायटी होती है

फर्स्ट बाहर की सतह लाल और अंदर भी लाल

बाहर की सतह पीला और अंदर का सफेद

बाहर से सतह लाल होता है और अंदर से सफेद होता है

उत्पादन 3 साल के बाद 20 से 25 किलो प्रति पौध होता है

पानी सप्ताह मे एक बार देना होता है गर्मी के दिनों में दो बार देना होता है तथा बरसात समय सिंचाई के आवश्यकता नहीं होती है

साल में तीन से चार बार कंपोस्ट खाद डालना होता है

ड्रैगन फ्रूट का पौधा ₹40 से ₹50 प्रति प्लांट मिलता है

1 एकड़ में 2800 प्लांट लगते हैं

1 एकड़ में 700 पोल की आवश्यकता होती है

4 से 5 ट्रैक्टर ट्रॉली गोबर का सड़ा हुआ खाद

फंगल इन्फेक्शन से बचाव के लिए पौधरोपण के समय फंगीसाइड का प्रयोग किया जाता है

भूमि की तैयारी

 ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए जल निकासी हेतु उत्तम  व्यवस्था आवश्यक है एवं भूमि में पर्याप्त मात्रा में कार्बनिक पदार्थ मौजूद होना  चाहिए सभी ड्रैगन फ्रूट की खेती संभव  है एक एकड़ में कुल मिलाकर 2800 पौधे लगाते हैं तथा एक एकड़ में 700 सीमेंट पोल लगते हैं तथा उसे एक सीमेंट पोल में चार ड्रैगन फ्रूट लगाए जाते हैं तब इस प्रकार से कुल 2800 ड्रैगन फ्रूट के पौधे एक एकड़ में लगाया जा सकते हैं

जलवायु

ड्रैगन फ्रूट के लिए उचित जलवायु 25 से 30 सेंट सेल्सियस होना चाहिए ड्रैगन फ्रूट के लिए गर्म एवं शुष्क जलवायु बहुत है उपयोगी मानी जाती है।

आलू की खेती

रोपण

ड्रैगन फ्रूट का रोपण में एक सीमेंट पोल से दूसरे सीमेंट पोल की दूरी 6 से 8 होनी चाहिए एक लाइन में से दूसरे लाइन की दूरी 8 फीट होनी चाहिए तथा एक पौधे से दूसरे पौधे की दूरी 6 फीट होनी चाहिए ड्रैगन फ्रूट के पौधे में गोबर की अच्छी अच्छे से सड़ी हुई खाद एक सीमेंट पोल में 4 से 5 किलो खाद डालें जब पौध रोपण करें तो अच्छे कंपनी की फंगीसाइड का उपयोग करें ताकि जड़ गलन एवं फंगल इंफेक्शन से बचाव हो सके।

सिंचाई

ड्रैगन फ्रूट कम पानी वाला फसल है। ड्रैगन फ्रूट की खेती में सिंचाई की आवश्यकता अधिक नहीं होती गर्मी के दिनों में सप्ताह में एक बार पानी देना पर्याप्त होता है यदि गर्मी अधिक हो तो जमीन सूख जाए तो सप्ताह में दो बार भी पानी दिया जा सकता है तथा ठंड तथा बरसात के मौसम में पानी डालने की आवश्यकता अपेक्षाकृत कम होती है।

खाद्य प्रबंधन

ड्रैगन फ्रूट में खाद प्रबंधन करने के लिए हम प्रत्येक सीमेंट पोल में 45 किलो अच्छे से सड़ी हुई गोबर की खाद को डालकर साथ में अच्छी कंपनी के फंगीसाइड डालकर पौधे को दबा देना चाहिए मिट्टी मे दीमक एवं कीट प्रकोप से बचाव के लिए प्रयोग कर सकते हैं कार्बनिक मात्र से युक्त खाद का प्रयोग अधिक किया जाना चाहिए। गोबर की अच्छे से सड़ी हुई खाद को हर 3 महीने में डालें एक वर्ष में खाद को तीन से चार बार डाल डालें ड्रैगन फ्रूट में खाद प्रबंधन में कम खाद तथा कम पानी की आवश्यकता होती है।

ड्रैगन फ्रूट का उत्पादन

ड्रैगन फ्रूट का उत्पादन लगभग 18 महीने के बाद पहले उत्पादन प्राप्त होता है प्रथम उत्पादन में ड्रैगन फ्रूट का उत्पादन 5 से 6 लाख तक का हो सकता है ₹100 प्रति किलो भी बचेंगे तो 5 से 6 लाख तक आय अर्जित कर सकते हैं दूसरा और तीसरा साल ड्रैगन फ्रूट का उत्पादन बढ़ जाता है ड्रैगन फ्रूट का उत्पादन 10 से 12 टन प्रति हेक्टेयर का होता है तथा 8 से 10 लाख का  पैसा अर्जित किया जा सकता है

Gajendra & Pawan Kodopi

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